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ना!!कहां बदले तुम?? मैं कैसी हूं?? ये सवाल तुम्हा


ना!!कहां बदले तुम??
मैं कैसी हूं??
ये सवाल तुम्हारे लिए कब ज़रूरी रहा??
मेरी पसंद -नापसंद की फिक्र कहां रही कभी??
        हां!!हक़ ज़रूर जताया,, 
पर अपने फर्ज़ के दायरे में मुझे कभी नहीं रखा,
ना जी!!
शिकायत नहीं है कोई,,
शर्तों पे इश्क कहां होता है??
और इश्क में दो लोग हो ये ज़रूरी भी नहीं,,
तुम्हारे पास से न लौटी हूं ना लौट सकती हूं,,
ये लम्हों का सफ़र सदियों तक बदस्तूर चलेगा,,

©पूजा मिश्रा
  #इश्क_ऐसा_भी