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पूजा मिश्रा

एहसास को नही लिखा,, तो क्या लिखा!!

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पूजा मिश्रा

 कभी कोई फरमाइश की हो आपने,,याद नहीं,,
चाहती तो गहनों से लदी रहती,,
पर अपनी पसंद से ना एक जेवर खरीदा ना एक कपड़ा,,
सब की ख्वाहिश को अपनी खुशी बना ली,,
हमेशा सादगी को चुना,,
कोई दिखावा नही,,ना कोई आडंबर
आपके स्वभाव में नही,,आपके रहन-सहन में नहीं,,
पापा की हर आहट को समझने वाली ,,उनको बेहतर समझाने वाली,,
आपसे पापा संपूर्ण हैं,,,मां !
न कोई शिकवा ना किसी से शिकायत,,
मन की बात हम जान हीं नही पाते,
कितनी खूबसूरती से छुपा के रखती हो,,अपने जज़्बात,,
किसी की बात दिल पे लग जाए,,,,तो आप धीरे से कहती,,
मत रखो दिल में छूटने वाला थोड़ी है,,,तो छोड़ दो कड़वाहट,,
ऐसा कौन होता है मां??
मुश्किल है आपसा बनना,,
वो निश्छल हंसी,,,आपकी पहचान है मां,,
हमेशा अपने होठों पे सजाए रखना
आप हैं,,तो सब है,,
Happy mother's day

©पूजा मिश्रा
  happy mother's day

happy mother's day #कविता

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पूजा मिश्रा

 कभी कोई फरमाइश की हो आपने,,याद नहीं,,
चाहती तो गहनों से लदी रहती,,
पर अपनी पसंद से ना एक जेवर खरीदा ना एक कपड़ा,,
सब की ख्वाहिश को अपनी खुशी बना ली,,हमेशा सादगी को चुना,,
कोई दिखावा नही,,ना कोई आडंबर
आपके स्वभाव में नही,,रहन-सहन में नहीं,,
पापा की हर आहट को समझने वाली,,उनको बेहतर समझाने वाली,,
आपसे पापा संपूर्ण हैं,,,मां !
न कोई शिकवा ना किसी से शिकायत,,
मन की बात हम जान हीं नही पाते,
कितनी खूबसूरती से छुपा के रखती हो,,अपने जज़्बात,,
किसी की बात दिल पे लग जाए,,,,तो आप धीरे से कहती,,
मत रखो दिल में छूटने वाला थोड़ी है,,,
तो छोड़ दो कड़वाहट,, ऐसा कौन होता है मां,,
मुश्किल है आपसा बनना,      
वो निश्छल हंसी,,,आपकी पहचान है मां,,
हमेशा अपने होठों पे सजाए रखना
आप हैं,,तो सब है,,
Happy mother's day

©पूजा मिश्रा
  #happy mother's day #

#Happy mother's day # #कविता

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पूजा मिश्रा




कहां थे?? क्यों थे??अब कहां कोई सवाल करती है?
महसूस किया कभी?अक्सर अब वो चुप रहती है,,
नही जताती हक भी कभी,,
वक्त के साथ कभी नहीं बदली वो,,
पर तुमने सदा उसके बदलाव को ही देखा
वो होकर भी, कभी नज़र नहीं आई तुम्हे,, 
पढ़ना उसकी खामोशी को,,कभी वक्त मिले तो
वो थी और हमेशा वहीं रहेगी,,
पर क्या वो सच में है,,या खो गई कहीं??
 अपने मौन में कहीं गुम हो गई शायद हमेशा के लिए,,

©पूजा मिश्रा
  #Silence
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पूजा मिश्रा

ये हैरानी क्यों है भला??
क्या समझ नही पाई तुम??
क्यों था यकीन उस पर??
उसने हमेशा वही किया,,
जो उसने तुम्हारे लिए तय किया था,,
जिसे हमेशा खोने से डरती रही,,
उसने तुम्हारी जिंदगी बनना कब तय किया??
तुम्हारे वजूद में कमियां निकालना ही तय था 
ताकि
खुद रेत की तरह फिसल सके,,

©पूजा मिश्रा
  # women
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पूजा मिश्रा

आईने में कभी खुद को गौर से देखना,,,
ये कपड़े गहने से इतर,खुद में एक अक्स नजर आएगा
हां वही जिसे नजरंदाज किया,,हर बार तुमने,,
इस खूबसूरत काया से परे,,
अपने वजूद को भी तो कभी समझो,,
ये काया दो दिन की है,,
एक्सपायरी डेट आते ही,,सब कुछ ढल जाएगा,,
इतराओ,,पर अपने अस्तित्व पे,,
देह से परे खुद को मज़बूत बनावो,,

©पूजा मिश्रा
  #women
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पूजा मिश्रा

इश्क जाकर भी कहां जाता है??
ठहर जाता है आप में उम्र भर के लिए,,
ख्वाहिशे भले अधूरी हों,
लेकिन
प्रेम के प और र के बंधन के साथ ही 
प्रेम सदा से सम्पूर्ण ही है,,

©पूजा मिश्रा
  love
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पूजा मिश्रा

हर दिन कुछ रेत सा फिसलकर छूट जाता है,ज़िंदगी से...
जैसे छूटती है उम्र हर दिन,,
छूट जातें हैं एक-एक कर तमाम रिश्ते नाते भी,,
एक-एक पल,वो बचपन,,,
हंसना-रोना,,
क्या सही,,क्या गलत,, सब छूट जाता है एक दिन,,,
और अंत में आखिरी सांस भी साथ छोड़ देती है,,
पर जहन में कैद कुछ स्मृतियां ना बदलती हैं  ना दूर जाती हैं,,,
जन्म-जन्मांतर तक नहीं छोड़ती आपका साथ,,,

©पूजा
  #zindgi
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पूजा मिश्रा

ये कलयुग है,,
अपने सही होने  का सबूत साथ रखिए
बिना प्रमाण के आप नकार दिए जाएंगे

©पूजा
  # कलयुग

# कलयुग #विचार

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पूजा मिश्रा

उसने कहा कि,,मत पूछना हाल मेरा,, जवाब नहीं दूंगा मैं ,,अब तुम्हारी सोच बनावटी लगती है,,
कमाल की बात ये थी कि,,,जिस वक्त उसने कहा,, उस वक्त भी मैं उसे ही सोच रही थी,,,

©पूजा
  #इश्क
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पूजा मिश्रा

हां!!देखा है मैंने तुम्हारा विश्वास!!
तुम्हे भरोसा है साल के पहले दिन सात्विक भोजन पर,
सावन में लेहसुन प्याज नही खाने में तुमको भरोसा है,,,
पंडित जी पर खास भरोसा है,,,
बेसिर पैर की बातों का भी नही ढूंढते तुम कोई लाजिक,,
तुम्हारी सारी डिग्रियां धरी की धरी रह जाती है,,
मन हो तो भी उनके बताए दिन में क्या नहीं करना है इसका पूरा ख्याल रखते हो,,,पंडित जी का विश्वास बनाए रखते हो,,,
अपने जीवन का राहु काल शायद उन्हें न मालूम हो पर तुम्हारा राहु वो दूर रखेंगे तुमको उनपे पूरा भरोसा है,,,
धन दौलत ऐश्वर्य के उनके तमाम उपाय पर तुमको भरोसा है
ये धागा वो पूजा ये अंगूठी सब पर भरोसा है तुमको 
बस कभी खुद पर भरोसा नहीं किया,,
जिसे खुद के विश्वास का पता नहीं वो औरों पे विश्वास क्या करेगा??

©पूजा मिश्रा
  #अंधविश्वास
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