वो खनकती खिलखिलाहट भरी हर शाम... न जश्न की मोहताज न ही फिक्र-ए-अंजाम! हर उदासी को भुला देने की फितरत... यूं ही नहीं पाता हर शख्स ऐसी शक्सियत... मुश्किलों के दरिया को चीर के जो उभरती है... वो हृदय की मुस्कान हर दिल को कायल करती है! ये जो दिल आपकी दोस्ती का गुलाम हो चला है... हम तो वक्त बेवक्त भेजा करेंगे आपको सलाम... आप भी मसरूफियत से निकल कर बस देते रहना हमें पैगाम! #yqquotes #yqpoetry #yqdidi #yqhindi #कविता #स्मृति #शक्सियत #दोस्ती