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स्वच्छंदता पर उतर आये हो राजा। उग्रता से करते अप

स्वच्छंदता पर उतर आये हो राजा।
  उग्रता से करते अपमानित जनादेश को राजा।  
पुरा मंत्री मंडल कुटुंबता से करता भ्रष्टाचार राजा।। 
भीरुता इतनी क्यूँ  भरी में मन में बतायो राजा। 
 विलक्षण का पक्ष रखता सत्ता के पहरेदार राजा।। 
अवयव हो तुम भी इस दलाली के राजा । 
अभ्यस्त हो झूठ बोलने में माहीर राजा।  
क्षोभकारक है जनता का तुम ही कुछ बतायो राजा।

©shudhanshu sharma #Wood Lamha B Ravan Priya Gour
स्वच्छंदता पर उतर आये हो राजा।
  उग्रता से करते अपमानित जनादेश को राजा।  
पुरा मंत्री मंडल कुटुंबता से करता भ्रष्टाचार राजा।। 
भीरुता इतनी क्यूँ  भरी में मन में बतायो राजा। 
 विलक्षण का पक्ष रखता सत्ता के पहरेदार राजा।। 
अवयव हो तुम भी इस दलाली के राजा । 
अभ्यस्त हो झूठ बोलने में माहीर राजा।  
क्षोभकारक है जनता का तुम ही कुछ बतायो राजा।

©shudhanshu sharma #Wood Lamha B Ravan Priya Gour