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📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“2/10/2021”*📝 ✨*“शनिवार”*�

📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“2/10/2021”*📝
✨*“शनिवार”*🌟

देखिए जैसा “राजा” होगा वैसी “प्रजा” होगी,
कभी “गहराई” में जाकर 
इन “शब्दों का महत्व” समझा है,
“राजा” इस शब्द का अर्थ है “रज” 
“रज” का अर्थ है “माटी”,
अर्थात “राजा” वो जो “माटी” से “जुड़ा” हो,“राजा” वो जो “प्रजा” का “सम्मान” करे,
अपनी “प्रजा” की 
“सुख” और “समृद्धि” का ध्यान रखें,
अबे ये गुण “राजा” में न हो तो “प्रजा” में “असंतोष” जागता है,
ये “असंतोष” “विद्रोह” का रूप लेता है,
और “विद्रोह” किसी भी रूप में 
“विनाशकारी” ही होता है,
इसलिए “राजा” को “प्रजा” का ध्यान रखना चाहिए और “प्रजा” को भी “राजा” में “विश्वास” रखना चाहिए,जब ये दोनों साथ आएंगे,
तभी ये “देश” ये “राष्ट्र” तरक्की करेगा... 
नहीं तो “विनाश” निश्चित है...
*अतुल शर्मा🖋️📝*

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“2/10/2021”*📝
✨ *“शनिवार”*🌟

#“राजा” 

#“प्रजा”
📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“2/10/2021”*📝
✨*“शनिवार”*🌟

देखिए जैसा “राजा” होगा वैसी “प्रजा” होगी,
कभी “गहराई” में जाकर 
इन “शब्दों का महत्व” समझा है,
“राजा” इस शब्द का अर्थ है “रज” 
“रज” का अर्थ है “माटी”,
अर्थात “राजा” वो जो “माटी” से “जुड़ा” हो,“राजा” वो जो “प्रजा” का “सम्मान” करे,
अपनी “प्रजा” की 
“सुख” और “समृद्धि” का ध्यान रखें,
अबे ये गुण “राजा” में न हो तो “प्रजा” में “असंतोष” जागता है,
ये “असंतोष” “विद्रोह” का रूप लेता है,
और “विद्रोह” किसी भी रूप में 
“विनाशकारी” ही होता है,
इसलिए “राजा” को “प्रजा” का ध्यान रखना चाहिए और “प्रजा” को भी “राजा” में “विश्वास” रखना चाहिए,जब ये दोनों साथ आएंगे,
तभी ये “देश” ये “राष्ट्र” तरक्की करेगा... 
नहीं तो “विनाश” निश्चित है...
*अतुल शर्मा🖋️📝*

©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*🖋️ 
📘 *“2/10/2021”*📝
✨ *“शनिवार”*🌟

#“राजा” 

#“प्रजा”
atulsharma6011

Atul Sharma

New Creator

📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“2/10/2021”*📝 ✨ *“शनिवार”*🌟 #“राजा” #“प्रजा” #“सम्मान” #“सुख” #“शब्दों #“माटी” #“समृद्धि”