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Ramkishor Azad
सुख की चिंता मत कर जो होगा देख समय के साथ होगा, समय का खेल विधाता जाने पल में पंछी चलता हाथ उड़ेगा! चिंतन पवन सरिता वक्त नहीं इंतजार किसी का फिर से करता,, जीवन एक अनमोल रतन प्रेम प्रसंग शब्दों का भंडार पड़ा!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #“सुख” #चिंतन #समय #खेल #शांत #जीवन #प्रेम_ही_ईश्वर_है #शायरी #viral #Trading Anjali Yadav अहिरानी Lucknow Neelam Modanwal RJ Shivansh vimlesh Gautam gungun gusain
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️*“13/5/2022”*📚 📘*“शुक्रवार”*💫 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🖊️ *“13/5/2022”*📚 📘 *“शुक्रवार”*💫 #“परिवार” #“मतभेद”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”,हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 🇮🇳 *“14/2/2022”*📚 ❤️ *“सोमवार”* 🇮🇳 *#“परिवार”* *#“मतभेद”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“13/2/2022”*📚 🖋️*“रविवार”* 🌟 एक “महत्वपूर्ण बात”, “जीवन” में आप किसी के कहने से नहीं बदलते है, कोई “परिस्थिति” या “समय” ही आपको बदलता है, लेकिन अपने इस “बदलाव” में आप अपने “जीवन” में उन “लोगों” को मत खोइए, जो आपके लिए बहुत “मायने” रखते है, हो सकता है कि कोई आपके सामने होने से “स्वयं” के “मन” में “आत्मविश्वास” “महसूस” करता हो या “स्वयं” के “मन” में “सुख” और “सुकून” महसूस करता हो, लेकिन जब वो “इंसान” हमसे किसी “वजह” से दूर होता है, तो “दिल” “दुःखी” बहुत होता है, *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“13/2/2022”*📚 🖋️ *“रविवार”* 🌟 *#“अपनापन”* *#“अहसास”*
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 📓 *“3/2/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 हमारे “जीवन” में किसी भी तरह का “सुख” या “दुःख” आता है तो उसके लिए हम किसी न किसी को “उत्तरदायी” बना ही देते है, सबका “दृष्टिकोण” एक जैसा तो कदापि नहीं होता है, देखिए इस “संसार” में हर एक का “जीवन” कुछ ऐसा है, हरएक के “जीवन” में “अच्छे लोग” है और “बुरे लोग” भी है, उनके “जीवन” में “अच्छे अनुभव” है और “बुरे अनुभव” भी है, “निर्भर” करता है आप पर कि आप क्या “अनुभव” करते है, इन सब का “स्वागत” कैसे करते है, इनसे क्या “सीखते” है और क्या “समझते” है, और “जीवन” में किस “दृष्टिकोण” से आगे बढ़ पाते है, ये ही “निर्धारित” करता है कि आपका “जीवन” कैसा होगा ? तो समझे आप बुरे के खुद बुरे मत बनीए,“स्वयं की सोच” “सकारात्मक” रखिए... *“अतुल शर्मा”*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📓 *“3/2/2022”*📚 🖋️ *“गुरुवार”* 🌟 *#“जीवन”* *#“सुख” या “दुःख”*
Atul Sharma
📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“2/10/2021”*📝 ✨*“शनिवार”*🌟 देखिए जैसा “राजा” होगा वैसी “प्रजा” होगी, कभी “गहराई” में जाकर इन “शब्दों का महत्व” समझा है, “राजा” इस शब्द का अर्थ है “रज” “रज” का अर्थ है “माटी”, अर्थात “राजा” वो जो “माटी” से “जुड़ा” हो,“राजा” वो जो “प्रजा” का “सम्मान” करे, अपनी “प्रजा” की “सुख” और “समृद्धि” का ध्यान रखें, अबे ये गुण “राजा” में न हो तो “प्रजा” में “असंतोष” जागता है, ये “असंतोष” “विद्रोह” का रूप लेता है, और “विद्रोह” किसी भी रूप में “विनाशकारी” ही होता है, इसलिए “राजा” को “प्रजा” का ध्यान रखना चाहिए और “प्रजा” को भी “राजा” में “विश्वास” रखना चाहिए,जब ये दोनों साथ आएंगे, तभी ये “देश” ये “राष्ट्र” तरक्की करेगा... नहीं तो “विनाश” निश्चित है... *अतुल शर्मा🖋️📝* ©Atul Sharma 📚 *“सुविचार"*🖋️ 📘 *“2/10/2021”*📝 ✨ *“शनिवार”*🌟 #“राजा” #“प्रजा”
Atul Sharma
*📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“14/9/2021”*🖋️ 📘 *“ मंगलवार”*✨ इस “संसार” का सबसे बड़ा “सुख” क्या है ? कोई कहेगा अपने “लक्ष्य को पूर्ण करना”, कोई कहेगा “धन का उपार्जन करना”, कोई कहेगा “निद्रा” ही सबसे बड़ा सुख है, कोई कहेगा “भूमि प्राप्त करना”, कोई कहेगा “माता के हाथ से खाना खाना” आदि इत्यादि। किंतु यदि मैं आपको “सत्य” कहुँ तो इस “संसार” का सबसे बड़ा “सुख” है “सेवा करना”, कभी किसी की “सेवा” करके देखिए अपने से और किसी और “मनुष्य” से “आशीष”(आशीर्वाद) प्राप्त करने में ही सुख है,आपकी “सेवाभाव” से जब भी कोई “मनुष्य” अपनी “अंतरात्मा” से आपको “आशीर्वाद” देता है तो उससे बड़ा “सुख” और कोई नहीं, “नर की सेवा” ही “नारायण की सेवा” है,“निष्काम सेवा” ही सबसे बड़ा “सुख” है तो अपने भीतर भी “सेवा” का ये भाव जगाइए। जिस “सुख” की मैं बात कर रहा हूं उसे एक बार “अनुभव” तो करके देखिए “सुख” और “प्रसन्नता” की अनुभूति अवश्य होगी। *अतुल शर्मा🖋️📝* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 ✍🏻 *“14/9/2021”*🖋️ 📘 *“ मंगलवार”*✨ #“संसार” #“सुख”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“31/7/2021”*🌫️ 🌧️*“शनिवार”*🌧️ क्या “तितली” को आपने कभी अपने “खोल” से बाहर आते हुए देखा है ? “तितली” क्या करती है ? जब “उड़ना” चाहती है तो वो अपने “खोल” को स्वयं तोड़ना चाहती है,उसके “पंख” निकल आते है और फिर वो “उड़ान” भर लेती है और खुले आसमान में उड़ जाती है यहीं “सीख” है हमारे लिए भी है यदि हम “उड़ान भरना” चाहते है तो हमें स्वयं “भीतर” से अपने “खोल” को तोड़ना होगा, अर्थात स्वयं को “बंधनों से मुक्त” करना होगा,“सुरक्षा” के लिए “बंधनों” में बंध जाना ये सबसे अधिक “असुरक्षित कार्य” है,“जीवन” में “सुरक्षा का भय” उचित है किन्तु यदि “अतिभय” होगा तो ये आपको इतना “दुर्बल” बना देगा कि आप स्वयं अपने ही “सुरक्षा चक्र” को तोड़ नहीं सकेंगे,यदि आपको “नवनिर्माण” करना है तो अपने “सुरक्षाचक्र को तोड़कर” बाहर आना होगा,“साहस” के साथ “परिश्रम” करना होगा,यदि आप ऐसा करते है तो आपकी “उड़ान” को कोई नहीं रोक सकता... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“31/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“शनिवार”*🌧️ #“तितली” #“खोल”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“29/7/2021”*🌫️ 🌧️*“गुरुवार”*🌧️ इस “जीवन” में “हर स्थान” पर ऐसा कुछ है जिससे हम कुछ न कुछ “सीख” सकते है, “विकास” की ओर जो हमें “बढ़ा” सकता है, ये “सीख” हर स्थान पर है, सबकुछ हमारे “दृष्टिकोण” पर “निर्भर” करता है, जब भी हमारे “जीवन” में,हमारे “संबंधों” में कोई “विपदा” आती है,कोई “संकंट” आता है,तो “अधिकतर लोग” उस “स्वभाव” में “दुःखी” हो जाते है, और “कुछ लोग” ऐसे भी होते है जो “अंत” में इसका “निवारण” करते है,“संकट” को “मात” दे देते है, “संबंधों” को “पुनः जोड़” देते है, यदि आप “सुख” ढूंढते है तो आपको “सुख” अवश्य मिलेगा,“प्रसन्नता” भी अवश्य मिलेगी, यदि आप “दुःख” ढूंढते है तो आपको “निराशा” भी अवश्य मिलेगी, अब आप क्या “ढूढ़ना” चाहते है ये “निर्णय” आपका है... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“29/7/2021”*🌫️ 🌧️ *“गुरुवार”*🌧️ #“जीवन” #“हर स्थान”
Atul Sharma
*✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“28/7/2021”*🌫️ 🌧️*“बुधवार”*🌧️ देखिए ये बात हर एक “व्यक्ति”, हर एक “परिवार”, हर एक “सम्प्रदाय”, हर एक “राज्य” पर ये बात लागू हो सकती है, “परिवार” में यदि “मतभेद” यदि “बढ़” जाए तो परिवार टूटकर “बिखर” जाता है, इतिहास गवाह है यदि “समाज के लोग” आपस में ही लड़ने लगे तो वो “लोग” राजा नहीं बनते, अपितु कोई उनका “लाभ” उठाकर स्वयं को “राजा” बना लेता है, “एकता का महत्व” समझिए, आज आकर बात आती है “प्रेम” की, क्योंकि ये “प्रेम” ही जो सबकों “एक” रखकर के “आनंदित” रख सकता है, “प्रेम” से “शक्तिशाली” और कुछ नहीं, तो इस “प्रेम” को “मन” में “जाग्रत” किजिए और अपने “परिवार” में,“समाज” में लाइए, आपके “जीवन” में “आनंद” और “सुख” दोनों अवश्य होगा... *“अतुल शर्मा 🖋️📝* *✍🏻“सुविचार"*📝 🌫️*“28/7/2021”*🌫️ 🌧️*“बुधवार”*🌧️ #“परिवार” #“मतभेद”