सत्य सेवा धर्म और पति परायणता का, ज्ञान ये सहज जन सबको सिखाती है। पालती हैं बच्चों को निज पुण्य बल से जो देती सद ज्ञान तो ओ जननी कहाती हैं। मानती है धर्म पति सास-ससुर सेवा , नारि सिरमौर बन सबको सुहाती हैं। तिनका दिखाते जिनसे डरा था दशशीश, जनक दुलारी वही जानकी कहाती हैं।। ©Arun Shukla #जानकी #SunSet सुधा भारद्वाज