"वो भी एक मां है #सास" यों सास को बदनाम ना करो,बहुत बड़ा दिल रखती है जीवन की जमा पूंजी सब दे देती है,सौप देती जो कभी उसका था जिस घर की मालकिन थी वो,थाल सजा ,तेरे हाथों के निशान तेरी आरती उतार,घर की चाबी भी सौप देती अपना सब देकर,नजर तो रखेंगी तुझे आजमाने के लिए ,तेरी परीक्षा भी तो लेगी अपनी मालकियत के कुछ ,अनुभव भी तुम्हे देंगी कभी तुमसे रूठ जाएं तो,प्यार से मना लेना ये अनमोल रिश्ता है,प्यार से सजा लेना कितना बड़ा दिल होगा,जो अपना जिगर का टुकड़ा तुम्हे सौप देती है,बदले में बस ,कभी कभी उसकी टोह लेती है सास तेरे सुहाग की दुआ करती है,उसके लिए खुद दुख सहती है हां कभी सुना देती है,थोड़ा बडबडा भी लेती है पर सर दर्द में चाय भी बना के देती है,तेरे बेटा होने पे वो भी नाच लेती है कभी कभी तो तेरे बच्चौ संग,वो भी बचपन जी लेती है उसका भी दिल होता है,वो जताती नहीं,कभी बताती नहीं चुपके से तेरे लिए वो दुआ करती है,तेरी गृहस्थी से एक वो ही है जो कभी जलती नही ╨─ ©पूर्वार्थ #motherlove