जीवन भऱ हम जमीन नापते रहै.... फिर भी नाकाफी लगी है हमें..... अपने बसर के लिए..... नापते नापते ज़ब थक कर हार चुके हम .... तो पता लगा दो गज जमीन हाथ लगी है.... हमें.... दो गज जमीन