Nojoto: Largest Storytelling Platform

White ना गर्मी हम पर हंसती, ना पसीने से हम रोते

White ना गर्मी हम पर हंसती, 
ना पसीने से हम रोते   |
 आज ऐसी समस्या ना होती,
 काश  पर लगाए होते,
 सूर्य की ताप से आज |
 यह धरती ना तपती ,
 काश पेड़ लगाए होते |
 बद से बत्तर हो रही है,
 गर्मी को अब कौन रोके |
 काश हम पेड़ लगाए होते,
 फल है यह इंसान की ही करनी का |
वही काटते हैं जो हम बोते हैं,
 काश पेड़ लगाए होते |
 तापमान इतना ना बढ़ता,
 ठंडक को हम यूं ना खोते |
 काश पेड़ लगाए होते हैं,
 धरती की धरोहर है हरियाली |
 हर हाल में उसे संजोगते,
 काश पेड़ लगाए होते |

सृष्टि सिंह ✍️

©Bindass writer #बढ़ती गर्मी
White ना गर्मी हम पर हंसती, 
ना पसीने से हम रोते   |
 आज ऐसी समस्या ना होती,
 काश  पर लगाए होते,
 सूर्य की ताप से आज |
 यह धरती ना तपती ,
 काश पेड़ लगाए होते |
 बद से बत्तर हो रही है,
 गर्मी को अब कौन रोके |
 काश हम पेड़ लगाए होते,
 फल है यह इंसान की ही करनी का |
वही काटते हैं जो हम बोते हैं,
 काश पेड़ लगाए होते |
 तापमान इतना ना बढ़ता,
 ठंडक को हम यूं ना खोते |
 काश पेड़ लगाए होते हैं,
 धरती की धरोहर है हरियाली |
 हर हाल में उसे संजोगते,
 काश पेड़ लगाए होते |

सृष्टि सिंह ✍️

©Bindass writer #बढ़ती गर्मी