गुस्सा.. परिपक्व या अपरिपक्व होने से नहीं आता .. आता है जब आप ऊपर तक लबालब भर जाते हैं ,और बिन गल्ती के भी सहन करते जाते हैं ,या रख लेते है बिन चाहे किसी से उम्मीद.. तब शायद अंदर की अग्नि को शांत होने के लिए चाहिए होती है अंतर्मन के नीर की.. शायद उसको ही कहते होंगे खुद से खुद को ही पर्सनल स्पेस देना .. कुछ यूं ही.. #गुस्सा #यूंहीएकख्याल #यूंही_कभी #पर्सनलस्पेस #तूलिका #परिपक्व #अपरिपक्व