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दिल कश वो और दिलकश यह शाम मस्तानी । हर तरफ उन्ही

दिल कश वो और दिलकश यह शाम मस्तानी ।
 हर तरफ उन्ही के मोहब्बत का नशा है।
और साथ उनके हर पल लगता है रूहानी ॥
 उनके बदन को छुकर हवा का झोंका
मेरी सांसो को महकाने लगाता है ।
बडी अजीब उलझन है और
 उनके सिवाह हर जगह लगती है विरानी ॥
प्यासे प्यासे पीपय की बुझाने लगी
 यह सावन की ऋतु सुहानी ॥

©Shakuntala Sharma
  # दिलकश वो और दिल कस यह शाम

# दिलकश वो और दिल कस यह शाम #शायरी

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