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उफ्फ... ये शाम... तुम्हारे ख्याल.. मेरी चाय...

उफ्फ... 
ये शाम... 
तुम्हारे ख्याल.. 
मेरी चाय...
 दोनों में जैसे 36 का आंकड़ा है। 
चाय को भूलता तो रूठ कर ठंडी हो जाती है, 
और तुम... तुम्हें तो मैं कभी भूल ही नही पाता हूं.. पर
 चाय को ये बात भला कैसे समझाऊं.. 
मुझे उससे भी प्रेम है..
 पर तुम्हारे बाद 
अब वो दूसरे पायदान पर रहती है।
❤️🌹

©s गोल्डी #eveningtea tea v/S you
उफ्फ... 
ये शाम... 
तुम्हारे ख्याल.. 
मेरी चाय...
 दोनों में जैसे 36 का आंकड़ा है। 
चाय को भूलता तो रूठ कर ठंडी हो जाती है, 
और तुम... तुम्हें तो मैं कभी भूल ही नही पाता हूं.. पर
 चाय को ये बात भला कैसे समझाऊं.. 
मुझे उससे भी प्रेम है..
 पर तुम्हारे बाद 
अब वो दूसरे पायदान पर रहती है।
❤️🌹

©s गोल्डी #eveningtea tea v/S you