दूर हुआ हूं बस तेरी समझ से, हालत ए दरमियां ज़रा वरक्ष हैं। जो कल तक थे खड़े शाना बशाना बन कर दरख़्त, शक्श वो भी आज मेरे वरक्ष हैं। मैं जनता हूं लहजों को मेरे, जो शक्षियत से मेरी मेल नहीं खाते, पर जो तेरे दस्तखत हैं, हमशक्ल न सही वही से शुरू मेरे भी दस्तखत हैं। ©ss writer 01 #shyari #sad #CreateYourself #sadshayri #sswrites #WritersSpecial