भटक ना जाऊँ कहीं मैं थाम लो हमें तुम पकड़ कर बाह यह सही राह दो हमें तुम प्रेम क्या है? परिभाषा सीखा दो हमें तुम प्रीत का धागा बान्ध, अपना बना लो तुम अपना क्या पराया क्या, भेद बता दो तुम तुम में ही हूँ मैं, मुझ में तुम जता दो तुम 'कान्हा-कान्हा' मैं पुकारू, मुस्कुरा दो तुम अपनी राधा को प्रेम से गले लगा लो तुम नहीं चाहिए, जगत के साज और सामान उम्र भर यूँ प्रेम से चरणों में बिठा लो तुम ♥️ Challenge-813 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।