सुनों तुम लौट आओ ना मैं एक दफा फिर से सजना चाहती हूँ। अपनी चुड़ियाँ और वापिस कंगना चाहती हूँ। तेरी पायल के प्यार में मैं बजना चाहती हूँ। चलो झुमके तो खाम्खा शोर करते है। बस छोटी सी कान में बाली चाहती हूँ। तुम्हारे जाने से रौनक नहीं कोई नूर नहीं है मैं एक रात फिर वही दिवाली चाहती हूँ। एक दफा मैं फिर से जीना चाहती हूँ। खुद के अश्कों को खुदी पीना चाहती हूँ। तू इतना मीठा सा था तेरी हर बात मीठी सी तेरी मीठी यादों के आसूं भी तो मीठे ही होंगे।