आंसुओं को बहने का एक बहाना मिल गया खोला जब संदूक खत एक पुराना मिल गया परत दर परत लपेटा था जज़्बात कुछ इस कदर खोदा दिल का कोना एक ज़माना मिल गया। (क़मर अब्बास) #ज़ज़्बात