कड़वा सच संसार, देश, समाज और परिवार के इतिहास में वो सिद्ध पुरुष बन कर याद करने के लायक होते, जो दूसरों के संघर्ष के समय सहयोगी और प्रेरणा देते और स्वयं के संघर्ष के समय भी अपने से ज्यादा सर्व हित को ध्यान रखते। संकुचित विचार धारा वाले अगर भाग्य से किसी क्षेत्र में सफल भी हो जाते तो स्वयं - काल की सीमित अवधि तक किसी कारण वश कभी कभार तक ही याद किये जाते। अतः सही होगा जीवन में यह सिद्धांत अपना लिया जाय " अपने लिये जिये तो क्या जिये"। ✍️ कमल भंसाली कड़वा सच