गीत :-
सावन की है घटा निराली , बूँद-बूँद लाये हरियाली ।
पत्थर में भी बीज उगाए , फूल खिलाए डाली-डाली ।।
सावन की है घटा निराली ....
देख-देख अब मन मुस्काए , मन की बात रखी क्यों जाए ।
आओ सबको बात बताएँ , हर सावन सब पौध लगाए ।।
जिससे पाये मन खुशहाली , जग में फिर छाये हरियाली । #कविता