ज़ब संवेदनाओं का सुंदर संसार आपके पास हो. और अनुभूतियों का दुःखद संग्रह आपके पास हो या ज़ब विकास और विनाश दोनों एक पथ पर दिखने लगे या फिर बात देश की हो या समाज की हो या बात साहित्य या संस्कार की हो या बात मानव कि हो या मानवीयस्वाभाव की हो अनायास कलम ठहर जाती है और बहुत कुछ जीवन क़े रंगमच पर छुपे हुए रहस्यओं से पर्दा उठने लगता है तब जीवन मे नए अर्थ नए सन्दर्भॉ से सांस लेती हुई एक नई रूपांतरित दुनिया दिखने लगती है ©Parasram Arora रूपांतरण