यार मोहब्बत तो हमने दिल से निभाई थी। किस्मत न बदल सके किस्मत में जुदाई थी। मुझको तन्हा छोड़ के जाने वाले ये बता। तेरे दीवाने में आख़िर कौन सी बुराई थी। मेरा खुदा ही अब हिसाब करेगा हश्र में। किससे मोहब्बत थी किससे बेवफाई थी। कुछ देर और बैठो मरीज़ ए इश्क़ के पास। यार फरेबी तुम अभी अभी तो आई थी। हां उन्हीं से इल्जाम ए बेवफाई मिली जय। जिनसे मुझे जां से भी ज्यादा आशनाई थी। ©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri" ग़ज़ल #mjaivishwa #bestgazals #BestSher #Shayari #Broken💔Heart