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# पहले उलझते थे तेरी हर बात पर अब | Hindi कविता

पहले उलझते थे तेरी हर बात पर
अब खामोशी से हर बात मान लेते हैं
कुछ हादसो ने हमे अब  समझदार बना दिया
#मराठीप्रेम #मराठीसंगीत

पहले उलझते थे तेरी हर बात पर अब खामोशी से हर बात मान लेते हैं कुछ हादसो ने हमे अब समझदार बना दिया #मराठीप्रेम #मराठीसंगीत #कविता

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