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आँखें तो ख़्वाब देखती है, पर उसे मुकम्मल नही कराता

आँखें तो ख़्वाब देखती है, पर उसे मुकम्मल नही कराता है,
सब रह जाते है अधूरे अधूरे, फ़िर भी ये सपने सजाता है।
है मुझे ज़माने से मोहब्बत, पर मिल रही मुझको बेबसी है,
वफ़ा की बात सब करते है, पर उसे नही कोई निभाता है।।

है सब यहाँ पर भटके, पर हर कोई सभी को राह दिखाता है,
दिलों में रखकर नफ़रत, उसको अपनी पहचान बताता है।
कैसे कह दे अमन — ए — सुकूं तेरी बनाई इस जहां में है,
छुपा अपनी असलियत, हर कोई चेहरे पे नक़ाब लगाता है।। #नेह_की_गाथा
#NUBGupta
#yqdidi
#yqbaba
आँखें तो ख़्वाब देखती है, पर उसे मुकम्मल नही कराता है,
सब रह जाते है अधूरे अधूरे, फ़िर भी ये सपने सजाता है।
है मुझे ज़माने से मोहब्बत, पर मिल रही मुझको बेबसी है,
वफ़ा की बात सब करते है, पर उसे नही कोई निभाता है।।

है सब यहाँ पर भटके, पर हर कोई सभी को राह दिखाता है,
दिलों में रखकर नफ़रत, उसको अपनी पहचान बताता है।
कैसे कह दे अमन — ए — सुकूं तेरी बनाई इस जहां में है,
छुपा अपनी असलियत, हर कोई चेहरे पे नक़ाब लगाता है।। #नेह_की_गाथा
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