ख़्वाहिश तुझे चाहा होता , तो कुछ और बात होती । तुझे निभाया होता , तो कुछ और चाह होती ।। ख्व़ाहिशों में तुझको रमाया होता , तो कुछ और राह होती ।। तेरे हुस्न पर परदा लगाया होता , तो कुछ और करामात़ होती ।। बरबाद हो गए हम , तेरी रूह के इत्र को सूँघते_सूँघते । तेरे ख्यालात परखे होते , तो इश्क की गलियों में ये बात होती वो बात होती ।। #Nojoto #मअंगिरा