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लम्हा-लम्हा अब खुशगवार हुआ जाता है। उसके दिल को अब

लम्हा-लम्हा अब खुशगवार हुआ जाता है।
उसके दिल को अब एतबार हुआ जाता है।।

जगमग-जगमग-सी है अब उसकी दुनियाँ।
अपने महबूब का अब इंतजार हुआ जाता है।।

रुकी-रुकी-सी बातें अब उसकी चल पड़ी हैं।
वादों का हसीन अब कारोबार हुआ जाता है।।

ख्याल-ख्याल में अब उसके रवानी है खूब।
उसको तसल्ली अब बार-बार हुआ जाता है।।

अदा-अदा में उसके हैं अब इशारे ही इशारे।
ये नादान भी अब समझदार हुआ जाता है।।

खुशियाँ ही खुशियाँ हैं अब उसकी आँखों में।
उसकी बेचैनियों को अब करार हुआ जाता है।।

मासूम-मासूम-सी उसकी बातों के क्या कहने।
ये अभिषेक भी अब उसका कर्जदार हुआ जाता है।।
      -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav #moonnight
लम्हा-लम्हा अब खुशगवार हुआ जाता है।
उसके दिल को अब एतबार हुआ जाता है।।

जगमग-जगमग-सी है अब उसकी दुनियाँ।
अपने महबूब का अब इंतजार हुआ जाता है।।

रुकी-रुकी-सी बातें अब उसकी चल पड़ी हैं।
वादों का हसीन अब कारोबार हुआ जाता है।।

ख्याल-ख्याल में अब उसके रवानी है खूब।
उसको तसल्ली अब बार-बार हुआ जाता है।।

अदा-अदा में उसके हैं अब इशारे ही इशारे।
ये नादान भी अब समझदार हुआ जाता है।।

खुशियाँ ही खुशियाँ हैं अब उसकी आँखों में।
उसकी बेचैनियों को अब करार हुआ जाता है।।

मासूम-मासूम-सी उसकी बातों के क्या कहने।
ये अभिषेक भी अब उसका कर्जदार हुआ जाता है।।
      -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav #moonnight