तुम दिवाली के अगले दिन का खालीपन हो, जिससे में महरूम नही रह सकता, पलकें बिछाये बस देख सकता हूँ तुम्हें, अब बस ज्यादा दूर नही रह सकता ।। दिवाली की रौशनी भी थे तुम ही और मचने वाली शोर भी, आज खालीपन में हाथ थामे, तुम ही सांत्रटा घनघोर भी......... तुम दिवाली के अगले दिन का खालीपन हो..!! ©HUMANITY INSIDE #रोशिनी