कहता है बचपन थामों मेरी अंगुली तुम पापा मुझे दूर बहुत जाना है, भटक ना जाऊं मैं राह कहीं मुझे रास्ता तुम्हें सुझानां हैं, चकाचौंध हो जाती है आंखें तेज रोशनी मुझे भटकाती है, पापा थाम लो बांह मेरी कदम मेरे लड़खड़ाते हैं, पापा,मैं हूं तेरी लाडो रानी। ©Harvinder Ahuja # लाडो रानी