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सब्र मेरे हाथों से छूटने लगा है अब पलकों के कोने म

सब्र मेरे हाथों से छूटने लगा है अब
पलकों के कोने में एक ख्वाब टूटने लगा है अब

मैं जो पहले था मुझमें मर गया हूं कहीं
मेरे अंदर का बच्चा रूठने लगा है अब ।

©HARSH MISHRA 
  मेरे अंदर का बच्चा

मेरे अंदर का बच्चा #शायरी

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