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दुलार दो सम्भावना को प्यार दो सद्भावना को। मूक रोत

दुलार दो सम्भावना को
प्यार दो सद्भावना को।
मूक रोता है हृदय जो
धीर है वह धारणा का।
संसार के कुरु भूमि में
विचलित विकल सा
मन व्यथामय...
हो सके तो संभार दो
परिवार की संकल्पना को।
दोष देने को रही
संसार की कटुता अपरिमित।
तुम सदा उत्साह वर्धन 
श्रेयशी मनुजता का करो। #toyou#yqmotivation#yqsensibility#yqbeinghuman
दुलार दो सम्भावना को
प्यार दो सद्भावना को।
मूक रोता है हृदय जो
धीर है वह धारणा का।
संसार के कुरु भूमि में
विचलित विकल सा
मन व्यथामय...
हो सके तो संभार दो
परिवार की संकल्पना को।
दोष देने को रही
संसार की कटुता अपरिमित।
तुम सदा उत्साह वर्धन 
श्रेयशी मनुजता का करो। #toyou#yqmotivation#yqsensibility#yqbeinghuman