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Chanchal Jaiswal
दोस्त! हर मुकाम से बड़ा है कद तेरा तेरी ख़ुदी की हद कोई ख़ुदा भी नहीं है आसान तो नहीं है इन मंजिलों के रास्ते हौसले के जानिब से कुछ बड़ा भी नहीं है दुश्वारियां बहुत है जज़्ब दिल की राह पे इनके बिना सफ़र का कुछ मज़ा भी नहीं है #toyou #yqgratitude #yqgrandure #yqpower #yqmotivation #yqways #yqnature #yqhappiness
Chanchal Jaiswal
छूटता मन ये सिकत सा सिंधु कोई हो सम्हाले ज्वार उठता है हृदय में बंधु कोई हो समा ले टूटते जुड़ते समय में प्यार कोई हो बचा ले रूठता परिवार का प्रण कोई तो रुककर मना ले कोई तो ऐसी जगह हो बचपन जहाँ मनुहार पा ले और वय का आवेग मृदुता से जहाँ विस्तार पा ले स्वप्न से सुंदर नयन हो यौवन जहाँ श्रृंगार पा ले प्रेरणा ऐसी कि जो प्रणता का संस्कार डाले है कुशल पीढ़ी वही आँखों में बुझती लौ जिला ले #toyou #yqfamily #yqdegeneration #yqaffiliation #yqmotivation #yqlove #yqbeingwith
Chanchal Jaiswal
ठहरा तो नहीं हूँ मुसलसल चला हूँ मैं फिर देखता हूँ अब तक वहीं खड़ा हूँ मैं यादों में किसी की पल-पल जला हूँ मैं ज़िन्दगी! मशान में खाक़ सा पड़ा हूँ मैं ज़मींदोज़ होकर मिट्टी में भी मिला हूँ मैं दैर पे अलम के सिर पे भी चढ़ा हूँ मैं खाई है कई ठोकर कई बार गिरा हूँ मैं अज़ाबों!देखो फिर से उठकर खड़ा हूँ मैं चोटिल हैं मेरे पंख फिर से उड़ा हूँ मैं सब कहते हैं हौसला! ज़िद्दी बड़ा हूँ मैं #toyou #yqlife #yqmotivation #yqmovingon #yqquest #yqzeal
Chanchal Jaiswal
उम्मीदों के खो जाने पर भी चाहत ज़िंदा रहती है और चाहत की शिद्दत पे ही उम्मीद शबिस्ताँ रहती है #toyou#yqmotivation#yqaffection#yqcarryingon#yqlife#yqchallenges#yqblessings
Chanchal Jaiswal
ठहर क्यों जाते पथिक तुम शून्य यों भरकर कर दृगों में पथ अनागत है सुनिश्चित आएगी बाधा मगों में अवरोध की इक-इक इकाई स्वयंभू साहस रगों में स्वयं तुमको हर्ष होगा पार कर दुर्गम दुसह ये कोष अनुभव के कह रहें बीते ना स्वर्णिम समय ये साथ छोड़े कोई साथी या समय विपरीत हो ले तुम निरन्तर चलते जाना जब तक हृदय में प्राण बोले है नहीं कोई मिथक ये प्रतीचि वाला सूर्य बोले हो अँधेरों में घिरा पर चलता है धर धीर धीरे और पहुँचकर प्राची में फिर लिखता प्रभा के लेख उजले उसके उद्यम की छटा में चाँद कोई चाँद होले अश्रु में जलता पथिक क्यों जल! दैदीप्य मशाल हो ले तेरे कष्टों की कहानी प्रेरणा के छंद हो लें मार्ग तेरी सर्जना हो और सरस तू काव्य हो ले #toyou#yqendlesswalk#yqlove#yqlife#yqstruggle#yqmotivation
Chanchal Jaiswal
आशिक़-ए-आतिश से महबूबी अदा मत पूछिए आँखों में डूबे हुए दिल की ख़ता मत पूछिए है बहुत लम्बी कहानी बारहाँ मत पूछिए इस मुसलसल दास्ताँ की इफ्तिदा मत पूछिए आशनाई है और महफ़िल शाम की चाय! एक और सही तेरे नाम की लोग पूछते हैं मसअला क्या है प्याली पे दिल का मामला क्या है उनको कौन समझाए ये रंग तेरा-मेरा उन्हें कौन बताए ये सिलसिला क्या है सुर्खियाँ शाम की यों घुली सी रहें चाय में यारियाँ सुरखुरु हो रहें किसको है दम ये निकलने का ग़म यार की यारियाँ बस मेरी हो रहें #ofcoursetoyou#yqtea#yqdosti#yqlife#yqlove#yqmotivation
Chanchal Jaiswal
जब-जब डुबाया हाथ नदी की धार में चंचल मन की बँधी उमंगें करने लगी हलचल कटने लगे किनारें बहने लगा अंतर डूबने लगा अनहद मन भी अतल तल तक जल और समय की धारा प्रवहमान निरंतर न जाने घोर विप्लव बहा ले जाए कहाँ पर? ये मन की उर्वरा भी विकसेगी वहीं पर! चंचल हवा सलोनी नदी दीवाना कोई बादल! हँस देंगे रोशनी संग जी जाएगा जीवन... शंका के सर्प दर्प सिंह, घाती बाज़ होंगे पर किलके जो फूल तितली मुस्कायेगी वहीं पर। माना ये ठाँव भी है क़ातिलों का वही शहर क़ाहिर मौत के डर से जीना छोड़ दें क्योंकर? अपनी तो साँझ सी है ये डूबती हुई नज़र, होने दो रात चाँद सी खिल जाए न अगर! टूटे हुए ख़्वाबों की कश्ती है ये मगर लहरों की शोखियों का इसपे रहा असर तुम धार आज़माओ ये पार जाएगी ज़रूर! जीने को ज़िन्दगी है दोस्त करना नहीं ग़ुरूर। #toyou#tome#tolife#yqlife#yqlivingon#yqmotivation#inspiringin
Chanchal Jaiswal
दुलार दो सम्भावना को प्यार दो सद्भावना को। मूक रोता है हृदय जो धीर है वह धारणा का। संसार के कुरु भूमि में विचलित विकल सा मन व्यथामय... हो सके तो संभार दो परिवार की संकल्पना को। दोष देने को रही संसार की कटुता अपरिमित। तुम सदा उत्साह वर्धन श्रेयशी मनुजता का करो। #toyou#yqmotivation#yqsensibility#yqbeinghuman
Chanchal Jaiswal
कौन हो तुम? कल्पना में सर्जना में भाव भीनी व्यंजना में राग और विराग में भी मन की मेहुल वेदना में मन मोहिनी ये छाप कैसी मन सुप्त है या चेतना में? ढूँढता हूँ चिह्न अपने अपनी ही अभ्यर्थना में! क्यों विकल हूँ क्यों विरल हूँ क्या नहीं है जगत ज्या में? मन तुम्हीं तक लौट आता आ गया मैं किस दिशा में? खोजी मन की तरल प्रकृति ठहर गई क्यों इस कथा में? #toyou#searchingfor#findingin#yqselfquest#yqmotivation#yqmeditation
Chanchal Jaiswal
किसने कहा विकल हो किसने कहा विरल हो तुम हो सुघर सलोने बादल सरस सघन हो न जाने कितनी आशा के तुम असीम धन हो महनीय हो तुम उतने जितने ही सरल मन हो वसुधा किलकती कहती तुम ही तो जीवन जल हो तुम मृदुल प्रकृति के वरीय वर्णक्रम हो तुमसे ही चित्रमय है संसार! तुम सृजन हो मेधा के तुम मनन हो मंथन के अमिय कण हो! भयभीत क्यों समय से? तुम कालजयी क्षण हो सच है व्यथा तुम्हारी दृढ़ता है इसपे भारी आवर्तनों में इसके स्वर्णिम कथा तुम्हारी तुम विज्ञ, प्रज्ञ, प्रमुदित साहित्य के रतन हो संचित करे संस्कृति जो तुम सदय वो जतन हो आनंद! मुग्द्ध मृदुमन आनंद में मगन हो सदैव इस निकुंज में निकष की सतत लगन हो #toyou#yqmotivation#yqselfquest#yqfindingin#yqlove