एक ख्वाब जी कर आज उसको तोड़ रही हूं । हां , आज मैं सारे अधूरे ख़्वाब छोड़ रही हूं । सपनो को समेट कर तकिए के नीचे रख कर , आज के दौर-ए-हकीकत से नाता जोड़ रही हूं । ©दिया_एक_लेखिका #shadi #khawab #dream #respect