चित्त को कृपा कर माँ बिखरने न दे निर्विचारिता में मुझ को माँ रहने दे सहस्रार से प्रदक्षिणा तक मुझे वलीन कर शून्य कर, शून्य कर श्री माताजी मुझे शून्य कर ©Rakhi Om #sahajyoga