संविधान: हमारे देश की शान भारत का है ये अभिमान, सबसे बड़ा है हमारा संविधान। देता है सबको बराबर का सम्मान, संभालता है देश की कर्म -श्रम- धर्म की कमान, ऐसे ही थोड़े है, हमारे देश की शान। कई लोगों ने दी कुर्बानी, विद्वानों ने किया मंथन, वर्षों की लड़ाई के बाद हुआ आजादी से अभिनंदन, विद्वानों के तर्कों से प्राप्त हुआ है ये चंदन, 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन के अथक प्रयासों से बना है संविधान । ऐसे ही थोड़े है हमारे देश की शान। देता है मौलिक अधिकार, बनवाता है लोगों की सरकार। देता है आजादी रखने का विचार, है इसमें प्रावधान खत्म करने का अत्याचार, ऐसे ही थोड़े है, हमारे देश की शान। व्यर्थ कर दी हमने हजारों कुर्बानियो को, नही अपनाकर इसके उसूलो को, शीशे की तिजोरी में बंद करके इस हस्तलिखित किताब को। सजा दिया इससे हमारे संग्रहालयो को, कहने को सिर्फ है हमारे देश की शान। हम तो रहते हैं तेजी में, जल्दी में आपा-धापी में, करने को फर्ज पूरा पढते हैं प्रस्तावना केवल । ना शामिल किया जीवन में, ना ही हमारे पाठयक्रमों में, कहानियां सुनाते हैं, मगर कभी नहीं पढ़ाते है। कहने को सिर्फ है हमारे देश की शान। कब तक हम नहीं सीखेगें हमारे अधिकारों को?? कब तक हम नहीं पढ़ेगें हमारे हकों को?? कब तक हम रहेंगे हमारे कानूनों से अनभिज्ञ?? कब तक हम इंटरनेट से पूछेगें हमारे कानूनों को?? ऐसे में कैसे बोलेगे हम संविधान: हमारे देश की शान?? ©Ben Beck # constitution day Happy Constitution day