White रंगोली के बुट्टो वाला उसका लाल पिछोड़ा होगा, हरा घाघरा हरियाली का रंग वही बिखराता होगा, पूनम की चंदा सी झूली उसके नाक की नथूली होंगी, किसी कवि की कल्पित कोमल मधुर भावना जैसी होंगी, गोबर माटी सने हुए पग श्रम गंधा बिखराते होंगे, भरी धोपरी घाम चूटते घर बन एक लगाते होंगे, फिर दिसाँड़ में जाने से पहले अपनी सुधी में आती होंगी, छयुल जला मरहम लीसे से अपने पैर टल्याती होंगी, या की थकान दूर करने को लमपसार सो जाती होंगी.. और तुम्हें क्या बताऊं मैं.. क्या पहचान मेरी प्रिया की होंगी..? -ख्याली_जोशी 🥀🥀 ©HUMANITY INSIDE #Moon