आईने के सामने सच तु कैसे छुपा पाएगा,अपनी नजरों से नजरें,कैसे मिला पाएगा। आईने का अक्स तेरी ही परछाई है,क्या खुद से खुद को झुठ बोल पाएगा। दे सकता है, तु पुरी दुनिया को धोखा,पर क्या अपने साथ भी धोखा कर जाएगा। आइने का अक्स गवाही है तेरी,कल खुदा के सामने,क्या मुंह दिखाएगा। ©Amit Sir KUMAR आईने के सामने.... #AdhureVakya