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शासन जो शासक का हो, जनता का सेवा भाव नहीं, शासन जो

शासन जो शासक का हो,
जनता का सेवा भाव नहीं,
शासन जो सेवक का हो,
तो फिर,
यथा राजा तथा प्रजा,
सेवा भाव मूल रूप,
जो शासन का उचित हो,
रामराज्य की कल्पना,
फिर जाकर जो सफल होए। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_137 

👉 यथा राजा तथा प्रजा लोकोक्ति का अर्थ --- जैसा स्वामी वैसा ही सेवक। 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।
शासन जो शासक का हो,
जनता का सेवा भाव नहीं,
शासन जो सेवक का हो,
तो फिर,
यथा राजा तथा प्रजा,
सेवा भाव मूल रूप,
जो शासन का उचित हो,
रामराज्य की कल्पना,
फिर जाकर जो सफल होए। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_137 

👉 यथा राजा तथा प्रजा लोकोक्ति का अर्थ --- जैसा स्वामी वैसा ही सेवक। 

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♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_137 👉 यथा राजा तथा प्रजा लोकोक्ति का अर्थ --- जैसा स्वामी वैसा ही सेवक। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़