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ऐ अब्र!जरा मुझपे सोच समझकर बरसना, कि परिंद_ए_नशेमन

ऐ*अब्र!जरा मुझपे सोच समझकर बरसना, कि परिंद_ए_नशेमन की छत नहीं होती,तेरे धमक के बरसने से ये नशेमन डोलती और टपकती रही//१*बादल*घोंसला

ऐ अब्र! तेरी बारिश भी मेरी मुफलिसी पे रोती रही,इस बदनसीबी पे वो अपने हाथ पैर को झटकती और पटकती रही//

ऐ अब्र!बस इतना ही बरस, कि हमारा*बुगज मिट जाए,कि खातिर_ए _मुहब्बत सदियों से यहां इंसानियत रोती और तड़पती रही//३
*मन ही मन द्वेष पालना

ऐ अब्र!तेरे बरसने का *मुंतजिर है*सेहरा आज तक,मैं तेरी इस दोहरी फितरत को हैरतन ताउम्र देखती और तकती रही//४

ऐ*अब्र!जरा मुझपे सोच समझकर बरसना, कि परिंद_ए_नशेमन की छत नहीं होती,तेरे धमक के बरसने से ये नशेमन डोलती और टपकती रही//१*बादल*घोंसला ऐ अब्र! तेरी बारिश भी मेरी मुफलिसी पे रोती रही,इस बदनसीबी पे वो अपने हाथ पैर को झटकती और पटकती रही// ऐ अब्र!बस इतना ही बरस, कि हमारा*बुगज मिट जाए,कि खातिर_ए _मुहब्बत सदियों से यहां इंसानियत रोती और तड़पती रही//३ *मन ही मन द्वेष पालना ऐ अब्र!तेरे बरसने का *मुंतजिर है*सेहरा आज तक,मैं तेरी इस दोहरी फितरत को हैरतन ताउम्र देखती और तकती रही//४ #nojotohindi #शायरी #nojotoenglish #nojototeam #मेरी_कलम_से #रिश्ते_आजकल #shamawritesBebaak

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