"सच्चे जज़्बात किसी के कौन समझ पाते हैं,
मिट्टी के घरों का दर्द कहाँ सावन के बादल समझ पाते हैं!
ये अनकहे अनसुने जज़्बात जो होते हैं,
कुछ जम जाते हैं यूँ ही कुछ बह जाते हैं!
दो प्यार करने वालों के जज़्बात दबा दिए जाते हैं,
एक साथ बैठे परिंदे भी लोगों द्वारा उड़ा दिए जाते हैं!!"
#AnjaliSinghal#Poetry nojoto