कि अब ऊंच-नीच, धर्म-जात को सब भुल जाए तो अच्छा है, ना बनाएं मजहब की लम्बी दीवारें भाईचारा बनाए तो अच्छा है, और आज देख तो लिया कुदरत का खेल सबने, सब मिलकर ग़रीबी मिटाएं तो अच्छा है। ग़रीबी मिटाएं तो अच्छा है