जो हाथ जुड़े प्रार्थना में, खुले दुआ में उन हाथों से--- धर्म व मजहब की दीवार गिरा दो नफरतों के हथियार जला दो आपसी टकराव मिटा दो दिलों की दूरीयाँ घटा दो और बढ़ा लो....... अपनी बाहों का दायरा सब एक ईश्वर की ही संतान हो भाई- भाई को गले से लगा लो। ** " पारुल शर्मा " ** जो हाथ जुड़े प्रार्थना में, खुले दुआ में उन हाथों से--- धर्म व मजहब की दीवार गिरा दो नफरतों के हथियार जला दो आपसी टकराव मिटा दो दिलों की दूरीयाँ घटा दो और बढ़ा लो....... अपनी बाहों का दायरा