मौन सी है मुझ में वो एक ख्याल भर उभरती हैं सांसो में घुल कर एक नया सरगम -सा रच जाती हैं बचपना ना छोड़ा उसने यौवन कि इस उड़ान में तितलियों -सी मचलती हैं इस सुने जहान में ख़्याल #hindi #poetry