मै हूं किसकी तलाश में , तू ही तो बसती है मेरी हर सांस में , बयां जिसको भी किया मैने, रहे सब मेरे उपहास में । मै हूं किसकी तलाश में ..... ना समय साथ रहा , ना खुदा को ये मंज़ूर था , पास होते हुए भी तू दूर चली गई मुझसे , बता मेरा क्या कसूर था । हयात के सफ़र में ना हमराही बन सकी तू , ना इस सफ़र में तेरा हमसफ़र बन सका मै , पा ही लेता तुझे काश मै, तू तो चली गई अब मै हूं किसकी तलाश में , तू ही तो बसती है मेरी हर सांस में .... सुनो ए जलने वालो , अब मै हूं खुद की तलाश में , ना किसी की उम्मीद , ओर ना ही किसी की आस में , मै हूं किसकी तलाश में ......❤️ ©Yatharth Gurjar #poems #shayarioftheday #micropoem #poeme #shayaries #shayari #kavita #poetry #poet #shadesoflife