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मूक बन रहे समय की कांपती पुकार हूँ, चुप नहीं रहूँग

मूक बन रहे समय की कांपती पुकार हूँ,
चुप नहीं रहूँगा, मैं हूँ शब्द और आज़ाद हूँ।

दासता से थी ग्रसित जो दो सदी से, आज भी,
दासियों सा हो रही है वो प्रतीत आज भी,
मैं उसी वसुंधरा की वेदना का सार हूँ,
चुप नहीं रहूँगा, मैं हूँ शब्द और आज़ाद हूँ। मैं हूँ शब्द और आज़ाद हूँ ~ 2
#yqbaba #yqdidi #yqhindi #kavita #shabd #bharatmaa
मूक बन रहे समय की कांपती पुकार हूँ,
चुप नहीं रहूँगा, मैं हूँ शब्द और आज़ाद हूँ।

दासता से थी ग्रसित जो दो सदी से, आज भी,
दासियों सा हो रही है वो प्रतीत आज भी,
मैं उसी वसुंधरा की वेदना का सार हूँ,
चुप नहीं रहूँगा, मैं हूँ शब्द और आज़ाद हूँ। मैं हूँ शब्द और आज़ाद हूँ ~ 2
#yqbaba #yqdidi #yqhindi #kavita #shabd #bharatmaa

मैं हूँ शब्द और आज़ाद हूँ ~ 2 #yqbaba #yqdidi #yqhindi #kavita #shabd #BharatMaa