Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो आँखे उदास थी चुप थी और मुझे निरंतर देख रही थी

वो आँखे उदास थी चुप  थी
और मुझे निरंतर देख रही थी 
तब मैंने उसे  बताया  था कि जिंदगी एक उम्दा चीज़ है
और जिंदगी मे  मिलना बिछड़ना   तों लगा रहता है 
इसमें  उदास होने की या हैरान होने की  कोई बात नही है
जिंदगी के रास्ते  लम्बे है और इस रस्ते मे  मुलाक़ाते और
मिलन  की घड़िया  आगे और भी मिल सकती है. l अभी तों  स्कूल का ये  आख़री दिन है  और बिछड़ना
भी लाज़िमी है
तों क्यों न  हँसते हुए   "अलविदा " का सुख बटोर लें

©Parasram Arora स्कूल का  आखिरी  दिन
वो आँखे उदास थी चुप  थी
और मुझे निरंतर देख रही थी 
तब मैंने उसे  बताया  था कि जिंदगी एक उम्दा चीज़ है
और जिंदगी मे  मिलना बिछड़ना   तों लगा रहता है 
इसमें  उदास होने की या हैरान होने की  कोई बात नही है
जिंदगी के रास्ते  लम्बे है और इस रस्ते मे  मुलाक़ाते और
मिलन  की घड़िया  आगे और भी मिल सकती है. l अभी तों  स्कूल का ये  आख़री दिन है  और बिछड़ना
भी लाज़िमी है
तों क्यों न  हँसते हुए   "अलविदा " का सुख बटोर लें

©Parasram Arora स्कूल का  आखिरी  दिन

स्कूल का आखिरी दिन #कविता