वो आँखे उदास थी चुप थी और मुझे निरंतर देख रही थी तब मैंने उसे बताया था कि जिंदगी एक उम्दा चीज़ है और जिंदगी मे मिलना बिछड़ना तों लगा रहता है इसमें उदास होने की या हैरान होने की कोई बात नही है जिंदगी के रास्ते लम्बे है और इस रस्ते मे मुलाक़ाते और मिलन की घड़िया आगे और भी मिल सकती है. l अभी तों स्कूल का ये आख़री दिन है और बिछड़ना भी लाज़िमी है तों क्यों न हँसते हुए "अलविदा " का सुख बटोर लें ©Parasram Arora स्कूल का आखिरी दिन