White ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया, महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया। उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा, आहिस्ता-आहिस्ता उसने ज़हर के करीब किया। ख़्वाबों में रंग भरकर हकीकत से दूर किया, दिल में बसे अरमानों को चूर-चूर किया। जो मुस्कुराहट मेरी पहचान हुआ करती थी, उसने हर ख़ुशी का अंधेरा सा नज़ारा किया। यकीन करके जिसके साथ चलने निकला था, उसने हर मोड़ पर मुझसे किनारा किया। अब समझ आया उसकी चालों का खेल, उसने अपने फायदे के लिए मुझ पर वार किया। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sad_Status ये किस तरह उसने मुझको बर्बाद किया, महफ़िलों से निकाल गलियों में आवाद किया। उसके बहकावे में आकर उसे ही महफ़िल समझा, आहिस्ता-आहिस्ता उसने ज़हर के करीब किया।