डरती हूँ मैं, अब इन आँखों को अश्कों से भीगाने से, मेरे अश्कों को देख नम उनकी भी निगाह मिलती है | डरती हूँ मैं, कहने से की थक चुकी हूँ अब मैं, मेरे कदमों के निशाँ से मानो उनको भी राह मिलती है | डरती हूँ मैं, अब विरह की अग्नि में खो जाने से, मुझको पीड़ा में देख जैसे उनके दिल को भी दाह मिलती है। डरती हूँ मैं, उनसे एक लफ़्ज़ भी छिपाने से, बिन कहे उन्हें मेरे दिल की हर आह मिलती है | डरती हूँ मैं, खुद के दिल को तकलीफ में ले जाने से, मेरे लिए मुझे उनके दिल में इतनी परवाह मिलती है | डरती हूँ मैं, अब खुद को कमज़ोर दिखाने से, मेरे पास मानो उनके दिल को पनाह मिलती है | बेहद ख़ुशकिस्मत समझती हूँ खुद को उनके होने से, उनके दिल में मुझे मेरे लिए चाह बेपनाह मिलती है | अकेला नहीं पाती हूँ खुद को अब किसी मोड़ पर, हर मुकाम पर मुझे उनकी दिल-ए-गाह मिलती है | —The Lost Beats #amrit ©...amrit🍁 #दिल-ए-गाह❣️