दुख क़े इस विशाल समुन्द्र की अतुल गहराई मे ज़ब भी किसी नई मछली ने जन्म लिया है वो सतह पर आकर किनारो से टकराती है और अपनी उतपति की घोषणा करतीं है. ज़ब अपने जन्म का उत्स्व मनाने क़े लिए वो समुन्द्र से समर्थन मांगती है तो समुन्द्र अपनी लहरों को उछाल कर उसके जन्मदिन क़े उत्स्व मे शामिल होने की हाँ भरता है ©Parasram Arora समर्थन........