सीना चौड़ा हो जाता है अभिमान से सिर तन जाता है शान से नथुने फूल जाते हैं गुमान से जब देखता हूँ इसे लहराते हुए तिरंगे को खुले आसमान में, करता हूँ मैं इसे प्यार अपने दिलो-जान से आज़ादी का परचम है, मेरा स्वाभिमान, मेरा मान है यह गांधी, नेहरू, सुभाष पटेल की थाती है,इन्हीं तीन रंगों में रंगी लोकतंत्र की बाती हैं थके हुए तीन रंगों का नाम नहीं है मेरा देश,ढह गए खंभों का नाम नहीं है मेरा देश आज़ादी के होंठ सबसे सुर्ख हैं यहाँ सबसे हसीन है यहाँ की आबो-हवा माना, अभी पूरी पकी नहीं है मिट्टी पर कोई कच्चा घड़ा नहीं है मेरा देश ज़रा गौर से देखो, दुनिया के आईने में सबसे हँसता हुआ बच्चा है मेरा देश ! ©Khyali Joshi #Independence2021