ताक झाँक - एक कविता कुत्ते भौंकेंगे, और भौंकेंगे, जब आप..उन्हें ताकेंगे ! उल्लू ताकेंगे, और ताकेंगे, जब आप...उन्हें झांकेंगे ! लोग झांकेंगे, और झांकेंगे, जब आप...उन्हें तोलेंगे ! लोग तोलेंगे, और तोलेंगे, जब आप...उन्हें बोलेंगे ! पेड़ बोलेंगे, और बोलेंगे, जब आप...उन्हें काटेंगे ! बैल दौड़ेंगे, और दौड़ेंगे, जब आप...उन्हें छेड़ेंगे ! लोग छिड़ेंगे, और छिड़ेंगे, जब आप..., उन्हें तोड़ेंगे ! लोग ताड़ेंगे, और ताड़ेंगे, जब आप...उन्हें छोड़ेंगे ! कवि आनंद दाधीच ।भारत। ©Anand Dadhich #TaakJhank #kaviananddadhich #poetananddadhich #Hindi #poetsofindia #evening #Quote #alone