जला दीप माटी का अंधियारे आसमान में माटी को माटी में मिलाना केवल हवा के हाथ में है आती जाती कब सांस थमे कृशकाय वृद्ध इंतजार में है बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla Dr. uvsays